अखिलेश यादव के मुख्तार अंसारी को श्रद्धांजलि देने गाजीपुर जाने को लेकर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- आधी छोड़ सारी को धावे, दूई में हाथ एको न आवे…अखिलेश यादव कहीं भी जा सकते हैं. यह वोट बैंक की राजनीति करने की उनकी अशुद्धि कोशिश है. लेकिन समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में समाप्तवादी पार्टी बन जाएगी.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रॉबर्ट वाड्रा के अमेठी से चुनाव लड़ने की चर्चा पर यूपी के उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘चाहे राहुल गांधी के जीजा आएं या दीदी आएं, लेकिन अमेठी और रायबरेली में कमल खिल चुका है, कमल ही खिलेगा. बीजेपी के लिए अमेठी और रायबरेली में कोई चैलेंज नहीं है. ये लोग इन दोनों क्षेत्रों को अपनी जागीर समझते थे. यूपी के युवाओं को नशेड़ी कहते थे. अब युवाओं ने ही राहुल गांधी का नशा उतार दिया है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का नशा पूरी तरह उतर जाएगा.’
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने हाल ही में अपने राजनीतिक पदार्पण का संकेत दिया था. इसके लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश में कभी कांग्रेस पार्टी के गढ़ रहे अमेठी को चुना. उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, ‘अमेठी के लोग मुझसे उम्मीद करते हैं कि अगर मैं सांसद बनने का फैसला करता हूं तो मैं उनका प्रतिनिधित्व करूं. क्योंकि अमेठी ने पिछली बार जिसे (स्मृति ईरानी) अपना सांसद चुना था, वह केवल गांधी परिवार पर हमला करने के बारे में चिंतित है, क्षेत्र के विकास और अपने लोगों की भलाई सुनिश्चित करने के बारे में नहीं.’
‘शासक की मंशा कमजोर क्यों है…’, चर्चित IAS अशोक खेमका का ट्वीट- रॉबर्ट वाड्रा-DLF सौदे की जांच धीमी क्यों?
भाजपा ने 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतने के बाद, रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को कमर्शियल लाइसेंस देने से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए 2015 में न्यायमूर्ति एसएन ढींगरा (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया था.
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने शनिवार को हरियाणा में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान भूमि सौदों में कथित अनियमितताओं की जांच में ‘धीमी’ प्रगति पर सवाल उठाया है. हरियाणा-कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी खेमका ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में लिखा, ‘शासक की मंशा कमजोर क्यों है? प्रधानमंत्री द्वारा 2014 में देश से किया गया वादा याद रखा जाना चाहिए. वाड्रा-डीएलएफ सौदे की जांच धीमी क्यों है? 10 साल हो गए. और कितना इंतजार करना होगा. ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में है. पापी मजे कर रहे हैं.’
अशोक खेमका 2012 में तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने गुरुग्राम-शिकोहपुर के मानेसर में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और रियल स्टेट सेक्टर की दिग्गज कंपनी डीएलएफ के बीच 3.5 एकड़ भूमि सौदे के म्यूटेशन को रद्द कर दिया था. बता दें कि म्यूटेशन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया का हिस्सा है. उन्होंने तब हरियाणा सरकार पर उन्हें इस फैसले के लिए प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था. उस समय खेमका जोत और भूमि अभिलेखों के चकबंदी के महानिदेशक थे. बता दें कि अशोक खेमका वही आईएएस अफसर हैं, जिनका 30 साल के कार्यकाल में 56 बार तबादला हो चुका है.