जज से 3 घंटे बंद कमरे में विजिलेंस रजिस्टार ने की पूछताछ, गैंगरेप पीड़िता से कहा था- कपड़े खोलो, मुझे शरीर पर चोटें देखनी हैं…

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Rajasthan News: मजिस्ट्रेट ने गैंगरेप पीड़िता को चेंबर में बुला लिया. अंदर बयान लेने के बाद उसे रोका और कहा- ”कपड़े खोलो. तुम्हारे शरीर पर चोटें देखनी हैं…” पीड़िता ने बिना महिला पुलिसकर्मी के कपड़े खोलने से इनकार कर दिया तो उसे बाहर भेज दिया गया. 

Rajasthan News: करौली जिले के हिंडौन सिटी कोर्ट में गैंगरेप पीड़िता से कपड़े उतारने का कहने वाले मजिस्ट्रेट से तीन घंटे पूछताछ हुई. इस दौरान राजस्थान हाई कोर्ट जयपुर के विजिलेंस रजिस्टार अजय चौधरी ने कोर्ट के अन्य जजों और प्रमुख वकीलों को बुलाकर भी आरोपी जज के व्यवहार की जानकारी ली.

दरअसल, पीड़िता ने सामूहिक दुष्कर्म का केस थाने में दर्ज कराया था. उसके बाद 30 मार्च को मुंसिफ कोर्ट में 164 के बयान देने अपने परिजनों के साथ पहुंची. परिजन और महिला पुलिसकर्मी बाहर खड़े हो गए और मजिस्ट्रेट ने उसे चेंबर में बुला लिया. अंदर बयान लेने के बाद उसे रोका और कहा- ”कपड़े खोलो. तुम्हारे शरीर पर चोटें देखनी हैं…” पीड़िता ने बिना महिला पुलिसकर्मी के कपड़े खोलने से इनकार कर दिया तो उसे बाहर भेज दिया गया. 

इसके बाद पीड़िता ने जज की बातें अपनी मां और भाई को बताईं. फिर पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक हिंडौन सिटी के समक्ष उपस्थित होकर जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है.

इस मामले को राजस्थान हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया और तेज गति से जांच प्रारंभ कर दी है. वहीं, मानव अधिकार से जुड़े संगठनों और महिला संगठनों की ओर से भी मुंसिफ कोर्ट के जज की भर्त्सना की है. 

इसी मामले को लेकर न्यायालय में हंगामा मचा हुआ है. हिंडौनसिटी मुंसिफ कोर्ट के जज की ओर से रेप पीड़िता  के साथ की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर खासकर महिला संगठनों में खासा विरोध देखने को मिल रहा है. 

उधर, गैंगरेप पीड़िता को सामूहिक दुष्कर्म के बाद से ही आरोपी समझौता करने के लिए धमकी दे रहे थे. जिसके चलते पीड़िता का परिवार गांव छोड़कर ही चला गया. पुलिस परिवार को वापस गांव लेकर आई है. पीड़िता के भाई ने बताया कि तीन दिन बाद हम वापस घर लौटे हैं.

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