हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुए स्कूल बस हादसे में पता चला है कि बस ड्राइवर को नशे की हालत में देखकर कुछ ग्रामीणों ने रोका था और चाबी छीन ली थी. इसके बाद जब स्कूल प्रबंधन से बात हुई तो स्कूल की ओर से कहा गया कि ड्राइवर को हटा दिया जाएगा, अभी चाबी देकर उसे जाने दीजिए.
हरियाणा के महेंद्रगढ़ में बच्चों को लेकर जा रही स्कूल बस पलटने से छह मासूमों की जान चली गई. इस घटना को लेकर खुलासा हुआ है कि ग्रामीणों ने ड्राइवर को नशे में देख बस रोककर चाबी छीन ली थी. इसके बाद स्कूल प्रबंधन से जब ग्रामीणों ने बात की तो उन्होंने कहा था कि आज चाबी दे दो, हम इस ड्राइवर को हटा देंगे. अगर स्कूल प्रबंधन ग्रामीणों की बात मान लेता तो छह मासूम बच्चों की जान बच जाती.
बता दें कि हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिले के कनीना में हुए स्कूल बस हादसे में 6 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 15 से ज्यादा बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए. घटना की सूचना मिलने के बाद शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ पहुंचीं. उन्होंने कहा कि इसमें सबसे बड़ी लापरवाही तो यही है कि छुट्टी के दिन स्कूल क्यों खोला गया. इस मामले में बस चालक के साथ-साथ स्कूल प्रिंसिपल और संचालक के खिलाफ भी केस दर्ज किया जाएगा.
ये हादसा कैसे हुआ? क्या हादसे को रोका जा सकता था? इस पूरे मामले में किसकी लापरवाही रही? इन सवालों को लेकर घटनास्थल पर पहुंचकर प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत की. इस दौरान लोगों ने बताया कि जिस जगह हादसा हुआ है, वहां से पहले रास्ते में जो गांव पड़ता है, वहां ग्रामीणों ने बस को रोककर चाबी छीन ली थी, क्योंकि बस चालक शराब के नशे में था.
इस दौरान ग्रामीणों को फोन पर स्कूल प्रबंधन की ओर से भरोसा दिलाया गया कि वे इस ड्राइवर को हटा देंगे. फिलहाल बस चालक को चाबी दे दें. इसके बाद ड्राइवर बस को लेकर वहां से निकल गया और कुछ दूर बाद उन्हाणी गांव के पास तेज रफ्तार बस का संतुलन बिगड़ गया और बस पेड़ से टकरा गई.
कनीना से धनौंदा जाने वाले रोड पर कन्या महाविद्यालय के पास मोड़ पर बस हादसा हुआ. घटनास्थल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तो जिसने भी ये तस्वीरें देखीं, वो सहम गया. हादसे को लेकर हर तरफ मातम है. आखिरकार कोई कैसे मासूम बच्चों की जिंदगी को लेकर इतना लापरवाह हो सकता है.
बस में सवार थे 43 बच्चे, ईद के दिन छुट्टी के बाद भी खुला था स्कूल
कनीना का जीएलपी स्कूल ईद की छुट्टी होने के बावजूद खुला हुआ था. स्कूल बस का ड्राइवर अलग-अलग गांवों के 43 बच्चों को लेकर स्कूल आ रहा था, लेकिन रास्ते मे भीषण हादसा हो गया. जिन ग्रामीणों ने शराबी ड्राइवर से बस की चाबी छीन ली थी, वो भी अफसोस कर रहे होंगे कि काश वे चाबी नहीं देते तो मासूम बच्चों की जान बच जाती.
घटना की सूचना के बाद शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ पहुंचीं और घायल बच्चों का हाल जानने के साथ मृतक बच्चों के परिजनों को सांत्वना दी. घायल बच्चे रेवाड़ी के निजी अस्पताल में भर्ती हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि बस ड्राइवर के साथ ही स्कूल प्रिंसिपल और संचालक के खिलाफ भी केस दर्ज किया जाएगा.
घटना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिजनों को सांत्वना दी है. प्रदेश सरकार के मंत्री, स्थानीय जनप्रतिनिधि बच्चों का हाल जानने अस्पताल पहुंच रहे हैं.
उपायुक्त महेंद्रगढ़ मोनिका गुप्ता ने कहा कि जांच में कुछ कमियां सामने आई हैं, जिनको लेकर कार्रवाई की जा रही है. इस स्कूल की मान्यता रद्द करने को लेकर लिखा गया है. बसों की सुरक्षा को लेकर अभियान चलाया जाएगा. कहीं कोई लापरवाही नहीं हो, इसको लेकर हर स्कूल की चेकिंग की जाएगी.
हादसे में जान गंवाने वाले बच्चे के चाचा ने क्या बताया?
हादसे में जान गंवाने वाले छात्र के चाचा ने कहा कि स्कूल वालों की लापरवाही की वजह से एक्सीडेंट हुआ है. अनट्रेंड ड्राइवरों को स्कूल बस चलाने के लिए लगा रखा है, जिनकी वजह से हादसा होता है. ड्राइवर 7 से 8 हजार में नौकरी करते हैं. कई ड्राइवर दारूबाज हैं. मेरा बच्चा 9वीं क्लास में था. कई बच्चे हादसे का शिकार हुए हैं.
परिवहन मंत्री असीम गोयल के आदेश के बाद महेंद्रगढ़ RTA कार्यालय में तैनात सहायक सचिव पर एक्शन लिया गया है. महेंद्रगढ़ कार्यालय में सहायक सचिव प्रदीप कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. जारी आदेशों में कहा गया है कि जिले में वैध दस्तावेजों के बिना सड़क पर चलने वाले वाहनों पर नियंत्रण करने में प्रदीप कुमार विफल रहे.