भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स तीसरी बार अंतरिक्ष की यात्रा पर जा रहीं हैं. भारतीय समयानुसार मंगलवार सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर स्पेसक्राफ्ट लॉन्च होगा. उनक के साथ अमेरिकी यात्री बुच विल्मोर भी होंगे. सुनीता विलियम्स इससे पहले 2006 और 2012 में अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी हैं.
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) इतिहास रचने जा रहीं हैं. वो एक बार फिर अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगी. सुनीता विलियम्स बोइंग के स्टारलाइनर (Starliner) स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष जाएंगी. उनके साथ बुच विल्मोर (Butch Wilmore) भी होंगे.
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के मुताबिक, ये स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर लॉन्च होगा. इसे कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा. सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर लगभग एक हफ्ते तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में बिताएंगे. बोइंग स्टारलाइनर के जरिए पहली बार अंतरिक्ष यात्री को स्पेस ले जाया जा रहा है. इससे पहले 2019 में Boe-OFT और 2022 में Boe-OFT2 लॉन्च किया गया था. स्टारलाइनर मिशन पर एक अरब डॉलर से ज्यादा का खर्च होने का अनुमान है.
अगर ये मिशन कामयाब होता है तो इसे अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ा कदम माना जाएगा. 2011 में नासा ने अपनी स्पेस शटल फ्लीट को रिटायर कर दिया था. इसके बाद नासा ने कमर्शियल क्रू प्रोग्राम लॉन्च किया था, जिसके तहत एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स और बोइंग स्पेसक्राफ्ट बना रहीं हैं.
मिशन के कामयाब होने पर बोइंग के स्टारलाइन एयरक्राफ्ट को स्पेस मिशन के लिए अथॉराइज्ड भी कर दिया जाएगा. इससे पहले 2020 में स्पेसएक्स के एयरक्राफ्ट ने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा था.
वहीं, एनडीटीवी से बात करते हुए सुनीता विलियम्स ने कहा, ‘जब मैं इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचूंगी तो ये घर जाने जैसा होगा.
तीसरी बार अंतरिक्ष जाएंगी सुनीता विलियम्स 59 साल की सुनीता विलियम्स अब तक दो बार अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी हैं. इससे पहले वो 2006 और 2012 में अंतरिक्ष जा चुकी हैं. नासा के मुताबिक, उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिताए हैं.
2006 में सुनीता ने अंतरिक्ष में 195 दिन और 2012 में 127 दिन बिताए थे. 2012 के मिशन की खास बात ये थी कि सुनीता ने तीन बार स्पेस वॉक की थी. स्पेस वॉक के दौरान अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन से बाहर आते हैं. हालांकि, पहली यात्रा के दौरान उन्होंने चार बार स्पेस वॉक की थी.
सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष की यात्रा करने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं. उनसे पहले कल्पना चावला अंतरिक्ष जा चुकी थीं.
कौन हैं सुनीता विलियम्स?
1987 में यूएस नेवल एकेडमी से ग्रेजुएट होने के बाद सुनीता विलियम्स नासा पहुंचीं. 1998 में नासा में उन्हें एस्ट्रोनॉट चुना गया.उनके पिता दीपक पांड्या 1958 में अहमदाबाद से अमेरिका जाकर बस गए थे. 1965 में सुनीता का जन्म हुआ था. अमेरिकी नेवल एकेडमी से ग्रेजुएट होने वालीं सुनीता विलियम्स लड़ाकू विमान भी उड़ा चुकी हैं. उनके पास 30 तरह के लड़ाकू विमानों पर तीन हजार से ज्यादा घंटों की उड़ान भरने का अनुभव है.
उन्होंने एक बार अपनी अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव भी साझा किया था. उन्होंने बताया था कि अंतरिक्ष में पानी टिका नहीं रहता. बुलबुलों की तरह इधर-उधर उड़ता है हाथ-मुंह धोने के लिए तैरते बुलबुलों को पकड़कर कपड़ा गीला करते थे. वहां खाना भी अजीब तरीके से खाना पड़ता था. सभी अंतरिक्ष यात्री खाने वाले कमरे में जाते और उड़ते हुए पैकेटों को पकड़ते थे. अंतरिक्ष में कंघी करने की जरूरत भी नहीं पड़ती थी, क्योंकि वहां हमेशा बाल खड़े रहते हैं..
उन्होंने बताया था कि अंतरिक्ष में यात्री हर वक्त हवा में तैरते रहते हैं. अगर कहीं टिककर काम करना होता है तो खुद को बेल्ट से बांधना पड़ता है. सुनीता ने माइकल विलियम्स से शादी की है. माइकल विलियम्स टेक्सास में पुलिस अफसर थे.