ई-रिक्शा चालक ने बच्चों को रस्सी की मदद से बांध रखा था, ताकि वे गिरे नहीं. इस अमानवीय स्थित को देखकर जिला सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य अनिल जग्गा ने वीडियो बनाया और परिवहन विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुला लिया. वीडियो को संज्ञान में लेते हुए विभाग ने ई-रिक्शा का लगभग 8200 रुपये का चालान काटकर अपनी पीठ थपथपा ली है.
उत्तर प्रदेश के अमरोहा में ई-रिक्शा पर रस्सी से बांधकर कर ले जाते स्कूली बच्चों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो ने शिक्षा विभाग और परिवहन विभाग की पोल खोलकर रख दी. साथ ही जिला प्रशासन की ढील भी सामने आई है. फिलहाल परिवहन विभाग ने वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए ई-रिक्शा का लगभग 8200 रुपये का चालान काटकर अपनी पीठ थपथपा ली है.
वहीं, शिक्षा विभाग भी पूरे मामले में जांच के बाद कार्रवाई करने का रटा-रटाया जवाब देते नहीं थक रहा है. बताते चलें कि अमरोहा हसनपुर चेतन चौहान मार्ग पर जिला सड़क सुरक्षा समिति की टीम मतदाता जागरूकता अभियान चला रही थी. तभी समिति के एक सदस्य की नजर ई-रिक्शा में सवार स्कूली बच्चों पर पड़ी.
ड्राइवर के पास नहीं था लाइसेंस
जिला सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य अनिल जग्गा ने देखा कि स्कूली बच्चों को ई-रिक्शा में रस्सी से बांधा गया था. लिहाजा, उन्होंने इस ई-रिक्शा को रोक लिया और उससे जानकारी करते हुए ई-रिक्शा पर बैठे बच्चों का वीडियो बना लिया. इसके साथ ही ई-रिक्शा चला रहे चालक का भी वीडियो बना लिया.
ड्राइवर ने बताया कि यह ई रिक्शा उसके चाचा का है. उसने यह भी बताया कि उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था. यह जानकारी मिलने पर अनिल जग्गा ने परिवहन विभाग की टीम को भी मौके पर बुला लिया और इस ई रिक्शा का चालान भी कटवा दिया. इसके बाद सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दिया रटा-रटाया जवाब
फिलहाल बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर मोनिका ने भी जांच के बाद रट्टू तोते की तरह कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि मेरे भी संज्ञान में यह मामला सोशल मीडिया के जरिये आया है. मैंने तुरंत संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को मामले से अवगत कराते हुए निर्देश दिए हैं कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करें. साथ ही संबंधित स्कूल को नोटिस भेजा जाए. संबंधित दोषी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी क्योंकि यह बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा प्रश्न है.
मैं इसमें अभिभावकों से भी अपील करुंगी कि वो भी ये सुनिश्चित करें कि अपने बच्चों को जिस ट्रांसपोर्ट से या जिस भी परिवहन व्यवस्था के साथ भेज रहे हैं, वह सुरक्षित हो. छोटे-छोटे बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डालते हुए वो ले जा रहे हैं और यह अमानवीय भी है. बच्चों को रस्सियों से बांधा गया है. इस मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.